Thursday, June 29, 2017

शरीर का पूरा कायाकल्प करने वाला सदाबहार चूर्ण

सूखे आंवले का चूर्ण
काले तिल (साफ़ कर के) इसका चूर्ण।
भृंगराज (भांगरा) का चूर्ण।
गोखरू का चूर्ण।
पहले ये सब 100 – 100 ग्राम की मात्रा में ले कर मिला लीजिये, फिर इस में 400 ग्राम पीसी हुयी मिश्री मिला लीजिये। तत्पश्चात इसमें 100 ग्राम शुद्ध देशी गौ घृत (गाय का घी) मिला लीजिये और आखिर में इस में 200 ग्राम शहद मिला लीजिये। अब इस चूर्ण को किसी कांच के बर्तन में या घी के चिकने मिटटी के पात्र या चीनी के बर्तन में सुरक्षित रख ले। इस चूर्ण को एक चम्मच (5 ग्राम) की मात्रा में खाली पेट नित्य सेवन करे और ऊपर से गाय का दूध या गुनगुना पानी पीजिये।
सावधानी : घी और शहद परस्पर समान मात्रा में धीमे ज़हर का काम करते हैं। इसलिए इनकी समान मात्रा नहीं लेनी
फायदे : इस चूर्ण से आपके शरीर का पूरा कायाकल्प हो जायेगा। यदि छोटी आयु में बाल झड़ गए हैं तो पुनः दोबारा उग आएंगे, अगर सफ़ेद हो गए हैं तो काले हो जायेंगे, और वृद्धावस्था तक काले बने रहेंगे। ढीले दांत भी मज़बूत बन जायेंगे। चेहरे पर कान्ति आ जाएगी। शरीर शक्ति शाली और बाजीकरण युक्त हो जाएगा। और कुछ ही दिनों में दुर्बल व्यक्ति भी अपना वज़न पूरा कर शक्तिशाली बन जाता हैं।
परहेज : अंडा, मांस, मछली, नशीले पदार्थो का सेवन एवं वीर्य नाश वर्जित हैं।

पथरी का सबसे बढ़िया और सरल इलाज

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Thursday, March 9, 2017

ये काढ़ा पीने से नहीं करानी पड़ेगी एंजियोप्लास्टी, जानें और भी फायदे


कई रोगों में कारगर अलसी का काढ़ा। दो चम्मच अलसी के बीजों को दो कप पानी में मिक्स करें और आधा रह जाने तक उबालें। तैयार काढ़ा छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर इसे पीएं।
- अलसी का काढ़ा नियमित रूप से तीन महीने तक पीने से हृदय की धमनियों में रुकावट दूर होती है। अलसी में लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कैंसर, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम के रिस्क को कम करते हैं।


अलसी में ओमेगा-3 फेटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।

लसी को डब्ल्यूएचओ ने सुपर फूड माना है। अलसी बॉडी को डिटॉक्सीफाई भी करती है। बॉडी को एनर्जी देती है। इसके सेवन से कैंसररोधी हार्मोन्स की सक्रियता बढ़ती है।