Wednesday, October 30, 2013

पेट होगा ठीक

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
अगर पेट खराब हो गया है तो पुदीने की ताजी पत्तियों को काटकर पांच मिनट उबालें। इस मिंट टी को पीने से पेट को आराम मिलेगा।

झड़ जाएंगे मस्से

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
अरंडी के तेल में बेकिंग सोडा मिलाकर रात को मस्सों पर लगाकर सो जाएं। नियमित रूप से लगाने से धीरे-धीरे मस्से खत्म हो जाते हैं। 

लगने लगेगी भूख

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
अगर भूख न लग रही हो तो अदरक को बारीक कीसकर उसमें नमक मिलाएं और आठ दिन तक रोजाना दिन में एक बार खाएं। इससे पेट साफ होगा और भूख लगने लगेगी।

पीलिया में गाजर का फायदा

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
पीलिया होने पर गाजर और गोभी का रस मिलाकर पीना चाहिए। विशेष रूप से गोभी का रस पीलिया में बहुत फायदेमंद है। इसे लेने से पीलिया ठीक होता है।

बढ़ेगा कॉन्सनट्रेशन लेवल

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
डिप्रेशन में कॉन्सनट्रेशन लेवल कम हो जाता है। यदि आपको यह समस्या हो तो रोज सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन करें। इससे कॉन्सनट्रेशन बढ़ेगा।

दूर होगा किडनी स्टोन


 
अगर किडनी स्टोन की समस्या हो तो रोज कच्चे नारियल का पानी पीएं। यह किडनी के स्टोन को तोड़कर उसे यूरिन के जरिए बाहर निकाल देता है। 

नजर होगी तेज

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच जीरा फांकने से नजर तेज होती है। साथ ही ब्लड प्रेशर का स्तर भी नियंत्रित रहता है।

दूर करने के लिए नारियल का तेल लगाएं

रात को नारियल का तेल लगाने से दूर होती हैं प्रेग्नेंसी के बाद की ये समस्या!
स्ट्रेच मार्क्‍स दूर करने के लिए इन पर रोज रात को नारियल का तेल लगाएं। इससे धीरे-धीरे सभी तरह के स्ट्रेच मार्क्‍स मिट जाते हैं।

Tuesday, October 29, 2013

लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके

लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
मध्यप्रदेश के सुदूर वनवासी अंचलों में बसे आदिवासी आज भी प्राकृतिक जडी-बूटियों की मदद से तमाम रोगों का इलाज करते है। जहाँ एक ओर इन आदिवासियों के पास सामान्य रोगों के उपचार के लिए आस-पास प्रकृति में पाए जाने वाले पौधे है वहीं कई जडी-बूटियों का इस्तेमाल अनके प्रकार के भयावह रोगों के इलाज के लिए भी इन आदिवासियों द्वारा किया जाता है।
मध्यप्रदेश की पातालकोट घाटी और आस-पास के इलाकों में भुमका (स्थानीय पारंपरिक वैद्य) हर्बल जडी-बूटियों के जानकार हैं और सैकडों सालों से इस परंपरागत ज्ञान को पीढी दर पीढी अपनाए हुए है। पिछ्ले डेढ दशक से ज्यादा समय से इन आदिवासियों की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को संकलित करने के बाद और अपने अनुभवों के आधार पर दावे के साथ कह सकता हूँ कि इस ज्ञान में दम है.
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
आदिवासियों के अनुसार प्याज हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक कारगर उपाय है, प्रतिदिन कच्चे प्याज का सेवन हितकर होता है। आधुनिक शोधों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्याज में प्याज में क्वेरसेटिन रसायन पाया जाता है जो कि एक एंटीओक्सिडेंट फ़्लेवेनोल है जो कि हृदय रोगों के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
लेंडी पीपर के फल (2ग्राम) और अश्वगंधा की जडों का चूर्ण (3 ग्राम) दिन में एक बार प्रात: गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से रक्तचाप नियंत्रित होता है, साधारणत: आदिवासी हर्बल जानकार निम्न रक्तचाप के रोगियों को इस फार्मुले के सेवन की सलाह देते है।
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
आदिवासी हर्बल जानकार जटामांसी की जडों का काढा तैयार कर निम्न रक्तचाप (लो- ब्लड प्रेशर) से ग्रस्त रोगियों को देने की सलाह देते हैं। इनके अनुसार प्रतिदिन दिन में 2 बार इस काढे का 3 मिली सेवन किया जाए, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
-हींग का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह कई बीमारियों की दुश्मन है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए।हींग का सेवन भी उच्च रक्तचाप के रोगियों के उत्तम माना जाता है, आदिवासियों के अनुसार यह खून को गाढा करने में मददगार होता है ।
 
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
उच्च रक्त चाप से ग्रस्त लोगों को आदिवासी हर्बल जानकार कटहल की सब्जी, पके कटहल के फल और कटहल की पत्तियों का रस पीने की सलाह देते हैं।पत्थरचूर की जडों का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर लेने से उच्च रक्तचाप में फायदा होता है, हर्बल जानकारों के अनुसार इस फार्मुले का सेवन लगातार 2 माह तक करने से तेजी से फायदा होता है।
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
सर्पगंधा की जडों का चूर्ण (2 ग्राम) प्रतिदिन दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सेवन करने से एक माह के भीतर उच्च रक्त चाप के रोगियों को असर दिखने लगता है।

लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
कमल के फूलों को गर्म पानी में डुबो दिया जाए और मसल लिया जाए, स्वादानुसार शक्कर मिलाकर उच्च रक्तचाप के रोगियों को प्रतिदिन सुबह दिया जाए तो आराम मिलता है।
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
 तुलसी का रस एक या दो चम्मच पानी में मिलाकर खाली पेट सेवन करें। इसके एक घंटे बाद तक कुछ भी न  खाएं या 21 तुलसी के पत्ते तथा सिलबट्टे पर पीसकर एक गिलास दही में मिलाकर सेवन करने से हाई ब्लडप्रेशर में लाभ होता है।
लहसुन प्याज व हींग खाकर करें ब्लडप्रेशर का इलाज, ये हैं कुछ अनोखे तरीके
लहसुन को हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए अमृत के समान माना जाता है।लहसुनअदरक और लहसुन की कच्ची कलियाँ (2) प्रतिदिन सवेरे खाली पेट चबाने से रक्तचाप नियंत्रण होता है।माना जाता है कि लहसुन की चार कुली को चबा कर लेने से हार्ट अटैक जैसी बड़ी बीमारी को भी रोका जा सकता है।

कढ़ी पत्ता है जबरदस्त दवा, इन रोगों में करता है जादू सा असर(मोटापा ,डायबिटीज,पेट संबंधी,आंखों की ज्योति )

कढ़ी पत्ता है जबरदस्त दवा, इन रोगों में करता है जादू सा असर
भारतीय खाने में जितने मसाले उपयोग किए जाते हैं, वो शरीर में औषधि की तरह काम करते हैं। उनमें ऐसी भी कुछ चीजे हैं, जिन्हें डालकर दाल या सब्जी में मसाले से होने वाली प्रॉब्लम्स को कम किया जा सकता है। इसी में से एक है कढ़ी पत्ता। भारत में खाने का स्वाद बढ़ाने के  लिए सदियों से कढ़ी पत्ता उपयोग में लाया जाता रहा है। कढ़ी में छौंक लगाने और दाल को स्वादिष्ट बनाने में इनका विशेषकर उपयोग किया जाता है।

कढ़ी पत्ता है जबरदस्त दवा, इन रोगों में करता है जादू सा असर
 100 ग्राम कढ़ी पत्ते में 66.3 प्रतिशत नमी, 6.1 प्रतिशत प्रोटीन, एक प्रतिशत वसा, 16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 6.4 प्रतिशत फाइबर और 4.2 प्रतिशत मिनरल पाया जाता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन सी पाया जाता है। यह पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है।
कढ़ी पत्ता है जबरदस्त दवा, इन रोगों में करता है जादू सा असर

डायबिटीज रोगी कढ़ी के पत्ते को रोज सुबह तीन महीने तक लगातार खाएं तो फायदा होगा। कढ़ी पत्ता मोटापे को कम कर के डायबिटीज को भी दूर कर सकता है।
- कढ़ी पत्ता मोटापा कम करने में तो बहुत प्रभावशाली है ही साथ ही इसकी पत्तियां हर्बल उपचार के लिए प्रयोग होती हैं। रोजाना कढ़ी पत्ता खाकर बढ़ते वजन को कंट्रोल में लाया जा सकता है।

कढ़ी पत्ते की एक ओर खासियत है कि इसे खाने पर पेट संबंधी सभी बीमारियां नियंत्रण में आ जाती हैं। इसके नियमित सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत बनी रहती है।
पेट में गड़बड़ी होने पर कढ़ी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है या कढ़ी पत्ते का रस लेकर उसमें नीबू निचोड़ें और उसमें थोड़ा सी शकर मिलाकर प्रयोग करें।
कढ़ी पत्ता है जबरदस्त दवा, इन रोगों में करता है जादू सा असर
कढ़ी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।
अगर आपके बाल झड़ रहे हों या फिर अचानक सफेद होने लग गए हों तो कढ़ी पत्ता जरूर खाएं। अगर आपको कढ़ी पत्ता समूचा नहीं अच्छा लगता तो बाजार से उसका पाउडर खरीद लें।

Monday, October 28, 2013

तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा

आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
तुरई या तोरी एक सब्जी है जिसे लगभग संपूर्ण भारत में उगाया जाता है। तुरई का वानस्पतिक नाम लुफ़्फ़ा एक्युटेंगुला है। तुरई को आदिवासी विभिन्न रोगोपचार के लिए उपयोग में लाते है। मध्यभारत के आदिवासी इसे सब्जी के तौर पर बड़े चाव से खाते हैं और हर्बल जानकार इसे कई नुस्खों में इस्तेमाल भी करते हैं चलिए आज जानते हैं ऐसे ही कुछ रोचक हर्बल नुस्खों को..
आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
आधा किलो तुरई को बारीक काटकर 2 लीटर पानी में उबाल लिया जाए और छान लिया जाए। प्राप्त पानी में बैंगन को पका लें। बैंगन पक जाने के बाद इसे घी में भूनकर गुड़ के साथ खाने से बवासीर में बने दर्द तथा पीड़ा युक्त मस्से झड़ जाते हैं। 
आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
पीलिया होने पर तोरई के फल का रस यदि रोगी की नाक में दो से तीन बूंद डाला जाए तो नाक से पीले रंग का द्रव बाहर निकलता है और आदिवासी मानते है कि इससे अतिशीघ्र पीलिया रोग समाप्त हो जाता है। 

आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार तुरई के छोटे छोटे टुकड़े काटकर छाँव में सुखा लिए जाए । सूखे टुकड़ों को नारियल के तेल में मिलाकर 5 दिन तक रखे और बाद में इसे गर्म कर लिया जाए। तेल छानकर प्रतिदिन बालों पर लगाए और मालिश भी करें तो बाल काले हो जाते हैं। 
आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
 तुरई में इन्सुलिन की तरह पेप्टाईड्स पाए जाते हैं। इसलिए इसे डायबिटीज नियंत्रण के लिए एक अच्छे उपाय के तौर पर देखा जाता है।
आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
तुरई की बेल को दूध या पानी में घिसकर 5 दिनों तक सुबह शाम पिया जाए तो पथरी में आराम मिलता है।

आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
 तुरई के पत्तों और बीजों को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाने से दाद-खाज और खुजली जैसे रोगों में आराम मिलता है, वैसे ये कुष्ठ रोगों में भी हितकारी होता है।

अपचन और पेट की समस्याओं के लिए तुरई की सब्जी बेहद कारगर इलाज है। डांगी आदिवासियों के अनुसार अधपकी सब्जी पेट दर्द दूर कर देती है।

आप भी शायद ही जानते हों, तुरई है इन मर्जों की रामबाण दवा
आदिवासी जानकारी के अनुसार लगातार तुरई का सेवन करना सेहत के लिए बेहद हितकर होता है। तुरई रक्त शुद्धिकरण के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है साथ ही यह लिवर के लिए भी गुणकारी होता है।


रोजाना दो चम्मच शहद मिलाकर एक गिलास दूध लेंगे तो होंगे ये फायदे

रोजाना दो चम्मच शहद मिलाकर एक गिलास दूध लेंगे तो होंगे ये फायदे
शहद और दूध दोनों को संपूर्ण आहार व स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी माने जाते हैं। वैसे तो दूध पीने व शहद खाने दोनों के ही कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन दूध और शहद दोनों को साथ लिया जाए तो इनके गुण दोगुने हो जाते हैं। वैसे तो शहद अपने एंटीबैक्टिरियल, एंटीआक्सीडेंट व एंटीफंगल गुणों के  कारण सदियों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। श्वसन संबंधी परेशानियों में भी फायदेमंद होता है। वहीं दूध में  ए,बी,सी, डी, कैल्शियम, प्रोटीन व लैक्टिक एसिड आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इन दोनों को साथ में लेने पर कई अनोखे स्वास्थ्य लाभ होते हैं। चलिए जानते हैं दूध और शहद को साथ लेने के ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में

 शहद व दूध दोनों ही सुक्ष्मजीवी को खत्म करते हैं। दूध व शहद साथ लेने से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है व स्किन ग्लो करने लगती है। दूध व शहद को बराबर मात्रा में मिला लें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर नहाने से पहले शरीर पर लगाएं स्किन निखर जाएगी।

शहद व दूध एक साथ लेने पर एंटीबैक्टीरियल प्रापर्टी की तरह काम करता है। इससे हानिकारक बैक्टिरिया शरीर पर आक्रमण नहीं कर पाते हैं व सर्दी, खांसी आदि समस्याएं दूर ही रहती है। 

रोजाना दो चम्मच शहद मिलाकर एक गिलास दूध लेंगे तो होंगे ये फायदे

रोजाना एक गिलास दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से डाइजेस्टीव सिस्टम में सुधार होता है। कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसे रोजाना लेने से पेट व आंत से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं।

दूध और शहद लेने न केवल स्किन ग्लो करने लगती है बल्कि शरीर को भी आराम मिलता है। प्राचीन समय से ही ग्रीक, रोमन, इजिप्ट, भारत आदि देशों में जवान दिखने के लिए एक एंटीएजिंग प्रापर्टी के  रूप में दूध व शहद का सेवन किया जाता रहा है।

दूध व शहद साथ लेना अनिद्रा रोग को दूर करने का एक प्राचीन नुस्खा है] क्योंकि दूध व शहद लेने से दूध व शहद इन्सुलिन के स्त्रावण को नियंत्रित करता है जिससे ट्रिप्टोफेन का सही मात्रा में मस्तिष्क में स्त्रावण होता है। ट्रिप्टोफेन सिरोटोनिन में बदल जाता है सिरटोनिन मेलेटोनिन में परिवर्तित होकर दिमाग को रिलेक्स करता है व अनिद्रा की समस्या को दूर करता है।

रोजाना एक गिलास दूध में शहद लेने से शरीर को आंतरिक बल मिलता है। जहां दूध में प्रोटीन होता है वहीं शहद में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। दूध व शहद साथ लेने शरीर को ऊर्जा मिलती है व मेटाबॉलिज्म क्रिया को बढ़ावा मिलता है। 
दूध व शहद का कॉम्बिनेशन शरीर को हेल्दी बनाएं रखने के साथ ही हड्डियों की बीमारियों जैसे आस्टियोपोरोसिस या उम्र के साथ होने वाले जोड़ों के दर्द आदि को सुरक्षित रखता है, क्योकि दूध व शहद दोनों में ही कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है।

Monday, October 21, 2013

सभी के रोगों को दूर कर सकता है यह अमृत फल आंवला

आंवले का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं से लेकर हर्बल प्रोडक्ट तक में होता है। किसी भी प्रकार के रोग में आंवला काफी लाभदायक होता है। भगवान विष्णु के प्रिय इस फल को अमृत फल की भी संज्ञा दी गई है। बवासीर से लेकर खोई हुई मर्दाना ताकत में यह फल खासतौर से लाभदायक है। इसी प्रकार पेट के रोगों से लेकर आंख और बालों के लिए भी आंवला किसी रामबाण से कम नहीं है।
मर्द हो या औरत, सभी के रोगों को दूर कर सकता है यह अमृत फल
आंवला ना केवल कब्जकारक, मूत्रल, रक्त शोधक, पाचक, रूचिवर्धक तथा अतिसार, प्रमेह, दाह, पीलिया, अम्ल पित्त, रक्त विकार, रक्त स्त्राव, बवासीर में उपयोगी है बल्कि अजीर्ण, बदहजमी, श्वास, खांसी, वीर्य क्षीणता में भी लाभदायक है

आंवला पितनाश्क होने के कारण पित-प्रधान रोगों की प्रधान औषधि है। यह फल मधुरता और शीतलता के कारण पित को शान्त करता है। आंवला तीनों दोषों (वात,पित,काफ) को संतुलित करता है। 

आंवला पाचक, अरुचि नाशक वमन में लाभकारी है। यह नाड़ी तंत्र व इन्द्रियों को ताकत देने वाला पौष्टिक रसायन है। यह रक्तवाहिनियों के विकारों को नष्ट करने में सक्षम है।
मर्द हो या औरत, सभी के रोगों को दूर कर सकता है यह अमृत फल

Tuesday, October 15, 2013

कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे

कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे
ग्रामीण अंचलों में सब्जी के तौर पर खाया जाने वाला कटहल कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। कटहल का वानस्पतिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरोफ़िल्लस है। कटहल के फलों में कई महत्वपूर्ण प्रोटीन्स, कार्बोहाईड्रेड्स के अलावा विटामिन्स पाए जाते है। सब्जी के तौर पर खाने के अलावा कटहल के फलों का अचार और पापड़ भी बनाया जाता है। आदिवासी अंचलों में कटहल का उपयोग अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।

अल्सर में है बेहतरीन दवा
कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है। हरी ताजा पत्तियों को साफ धोकर सुखा लिया जाए। सूखने के बाद पत्तियों का चूर्ण तैयार किया जाए और पेट के अल्सर से ग्रस्त व्यक्ति को इस चूर्ण को खिलाया जाए तो आराम मिलता है।
मुंह के छालों में असरदार
जिन्हें मुंह में बार-बार छाले होने की शिकायत हो उन्हें कटहल की कच्ची पत्तियों को चबाकर थूकना चाहिए, आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार यह छालों को ठीक कर देता है।
कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे
खाना जल्दी पचा देता है
पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबाला जाए। इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फ़ूर्ती आती है। यही मिश्रण यदि अपचन से ग्रसित रोगी को दिया जाए तो उसे फ़ायदा मिलता है।
कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे
जोड़ों के दर्द में रामबाण
फल के छिलकों से निकलने वाला दूध यदि गांठनुमा सूजन, घाव और कटे-फ़टे अंगों पर लगाया जाए तो आराम मिलता है। इसी दूध से जोड़ दर्द होने पर जोड़ों पर मालिश की जाए तो आराम मिलता है।
डायबिटीज में लाभदायक
डांग- गुजरात के आदिवासी कटहल की पत्तियों के रस का सेवन करने की सलाह डायबिटीज के रोगियों को देते है। यही रस  हाईब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए भी उत्तम है।
कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे
गले के रोगों को मिटा देता है
कटहल पेड़ की ताजी कोमल पत्तियों को कूट कर छोटी-छोटी गोली बनाकर लेने से गले के रोग में फायदा होता है।
कटहल खाने के 7 तरीके: ऐसे खाएंगे तो ये रोग बिल्कुल खत्म हो जाएंगे
कब्ज को खत्म करता है
पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार पके फलों का ज्यादा सेवन करने से पेट साफ होता है और अपचन की समस्या का निवारण हो जाता है।

10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा

10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
अच्छा खाना न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बल्कि दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए भी बहुत जरुरी है। हमारे दिल की ही तरह हमारे दिमाग को भी पोषक तत्वों की जरुरत होती है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं। जिन्हें खाने पर दिमाग की काम करने की क्षमता में वृद्धि होती है। जिन लोगों के साथ भूलने की समस्या होती है उन लोगों के  दिमाग के लिए खाने की ये चीजें टॉनिक की तरह काम करती हैं।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही ब्रेन फूड्स के बारे में जो दिमाग को दुरुस्त रखते हैं...

 सेब में बहुत ही ज़्यादा पौष्टिक तत्व होते हैं। यह कई तरह के खनिज व विटामिन से भरपूर होता है साथ ही इसमें रेशों की मात्रा खूब होती है। लाल सेब में कई तरह के रसायन पाए जाते हैं जो कि ब्रेन को डैमेज होने से रोकते हैं।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
कद्दू के बीज में बहुत सारा फाइबर  व जिंक होता है। रोजाना थोड़े से कद्दू के बीज का सेवन करने से दिमाग सक्रिय होता है और सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
दही से दिमागी तनाव दूर होता है और याददाश्त बढ़ती है। आप चाहें तो दही में कुछ मेवे मिला कर खा सकते हैं या शतावरी मिलाकर भी खा सकते हैं।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
ब्रोकोली शरीर के लिए तो एक बढिय़ा आहार है। इसे खाने से दिमाग भी एक्टिव रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ''k'' पाया जाता है जो दिमाग के लिए टॉनिक की तरह काम करता है।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
अखरोट दिमाग के लिए बहुत अच्छी होती है। अगर आप एक अखरोट रोज खाएंगे तो आपकी याददाश्त 19 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
अक्सर तनाव में रहने वाले लोगों के लिए चॉकलेट दवा का काम करता है। चॉकलेट तनाव में दिमाग को रिलैक्स करता है।
 10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
रोजाना सुबह अंकुरित अनाज खाएं। साबूत अंकुरित अनाज में अनेक तरह के पोषक तत्व पाएं जाते हैं। ये शरीर को स्वस्थ बनाते हैं। इन्हें खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है और दिमाग सक्रिय व तेज बनता है।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
एवोकाडो में काफी मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, जो दिल के रोगों से बचाती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल नहीं पाई जाती। एवोकाडो इसमें अच्छी मात्रा में फैट पाया जाता है। यह दिमाग तक ब्लड फ्लो को तेज करता है।

10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं हल्दी एल्जाइमर से बचाती है। इसमें बहुत सारा एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि मेमोरी लॉस से बचाता है।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
केला खाने से आप अपनी पूरी जिन्दगी स्वस्थ्य रह सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक केला आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। इसमें मैगनीशियम होता है जो ग्रोथ और दिमाग के काम करने कि क्षमता को बढ़ाता है।
10 FOODS: इन्हें खाने से दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगेगा
सफेद व चमचमाते दांत किसी भी इंसान की खूबसूरती को और अधिक बड़ा देते हैं लेकिन अगर दांत सफेद न होकर पीले व टेड़े-मेड़े हों तो बहुत आकर्षक चेहरा भी अच्छा नहीं लगता। दांतों का सौंदर्य बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। यही कारण है कि अगर आप भी अपने दांतों को चमचमाता व सफेद बनाना चाहते हैं तो बाजार के प्रोडक्ट्स यूज करने की बजाय नीचे लिखे  नेचुरल टिप्स अपनाएं और पाएं चमचमाते सफेद दांत।
15 टिप्स: इन्हें अपनाएंगे तो एकदम पीले दांत भी SPARKLING WHITE हो जाएंगे
दांतों को सफेद करने वाला इलाज- दांतों को सफेद करने वाला इलाज केवल तब ही करवाएं, जब सारे घरेलू नुस्खे आपके दांत को सफेद व चमकदार न बना सकें, क्योंकि दांतों को सफेद करने वाले इलाज के कुछ निगेटिव प्रभाव भी होते हैं।
जी हां, आपको सुन कर चाहे अजीब लगे, लेकिन शरीर का मेटाबॉलिज्म अगर गड़बड़ हो तो दांतों के रंग पर इसका प्रभाव पड़ता है। अगर शरीर का मेटाबॉलिज्म अनियमित हो तो दांतों पर पीले धब्बे पड़ जाते हैं और मेटॉबालिज्म के अनियमित होने का एक बड़ा कारण स्ट्रेस भी हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस से बचें।
जब भी कोई रंग वाली ड्रिंक जूस या कोई अन्य कोल्ड ड्रिंक पीएं तो स्ट्रॉ का यूज करें। स्ट्रॉ का यूज कर कोल्ड ड्रिंक पीने से दांतों पर पीले धब्बे नहीं पड़ते व न ही ड्रिंक्स में उपस्थित कलर दांतों पर प्रभाव डालते हैं।
दांतों को सफेद व चमकदार बनाने के लिए पुदीने के पत्तों को चबाएं व रोजाना ज्यादा मिंट वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल करें। ज्यादा मिंट वाला टूथ पेस्ट इस्तेमाल करने से दांत सफेद हो जाते हैं।
अगर आप बहुत ज्यादा एंटीबायोटिक्स का प्रयोग कर रहें हो तो जरा सावधान हो जाएं, क्योंकि बहुत अधिक एंटीबायोटिक्स का उपयोग करने पर दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचता है व दांतों पर पीले धब्बे भी पड़ सकते हैं।
बहुत समय तक एक ही ब्रश उपयोग करने से भी दांतों को नुकसान पहुंचता है। दांतों के इनेमल को स्वस्थ रखने के लिए व मुंह को ओरल इन्फेक्शन से बचाने के लिए हर दो महीने में अपना ब्रश जरूर चेंज करें।
 
डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन दांतों को मजबूत बनाता है व दांतों से बीमारियों को दूर रखता है। डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से दांत स्वस्थ रहते हैं। कठोर चीज दांतों की सफाई के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है।
दांतों को सफेद करने वाला इलाज- दांतों को सफेद करने वाला इलाज केवल तब ही करवाएं, जब सारे घरेलू नुस्खे आपके दांत को सफेद व चमकदार न बना सकें, क्योंकि दांतों को सफेद करने वाले इलाज के कुछ निगेटिव प्रभाव भी होते हैं।
सरसों का तेल व नमक-
सरसों के तेल में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पेस्ट बनाएं व दांतों और मसूड़ों पर इस से मसाज करें। दांत सफेद होंगे व मसूड़े मजबूत बनेंगे। इस नुस्खे को अपनाने से दांतों में खून आने की समस्या भी बंद हो जाती है।
शीशम के बीज-
शीशम
 के बीज मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं व ब्लीडिंग गम की समस्या में भी बहुत लाभदायक होते हैं। इनमें कैल्सियम बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। सनफ्लॉवर सीड्स प्रोटीन व फाइबर के साथ ही विटामिन ई, मिनरल्स व मैग्नेशियम आदि भर पूर मात्रा में पाएं जाते हैं। सनफ्लॉवर या सूरजमुखी व शीशम के बीजों को चबाने से दांतों की कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
15 टिप्स: इन्हें अपनाएंगे तो एकदम पीले दांत भी SPARKLING WHITE हो जाएंगे
सब्जियां-
जिन सब्जियों में विटामिन ए अधिक पाया जाता है, वे दांतों के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। उदाहरण के लिए ब्रोकली, कद्दू व गाजर अधिक खाने से दांतों व मसूड़ों की नेचुरल सफाई व नेचूरल मसाज होती है। ये सब्जियां दांतों को सफेद व चमकदार बनाती हैं।
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इन चीजों से दूर रहें- 
चाय, कॉफी व माउथ वॉश, तीनों कई बार दांतों में होने वाले पीलेपन का कारण होते हैं। इस पीलेपन को मिटाने के लिए जरूरी है कि ज्यादा माउथ वॉश का यूज न करें। अधिक चाय व कॉफी का सेवन न करें।
नींबू और नमक-
नमक व नींबू का पेस्ट बना कर दांत साफ करें। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है व इसमें नमक मिलाने पर ये पेस्ट बेहतर ढंग से दांतों की सफाई पर काम करता है व दांतों को सफेद बनाता है।
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फल खाएं- 
कभी-कभी जल्दबाजी में ठीक से ब्रश न करने पर दांतों पर पीले धब्बे बन जाते हैं। ऐसे में अगर आप दांतों को एकदम सफेद बनाना चाहते हैं तो रेशेदार फलों का सेवन करें। रेशेदार फलों का सेवन करने से दांत सफेद होते हैं व दांतों में फंसे अन्न के कण बाहर निकल जाते हैं।